Monday, December 12, 2022

तारीखों का सिलसिला


कुछ यूं चला जो ये तारीखों का सिलसिला 

क्या तुझे मिला और क्या तूने मुझे दिया ।।

बिछड़ गई जिंदगी से जिंदगी और सांसों से सांस 

कुछ यूं जो चला ये जो तारीखों का सिलसिला।।

आज फिर बैठा हूं कोर्ट के बाहर एक नई तारीख के इंतजार में 

कमबख्त ये सिलसिला यूंही खतम नही होगा ।।

लील लिया इसने न जाने कितने ही खवाबो का परवान

खा गया ये न जाने कितने नए दिनों की दास्तान ।।

कुछ ख्वाब ऐसे भी रहे जो सीढ़ी न चढ़ पाए 

और कुछ ऐसे भी जो कभी जहन में भी न आ पाएं।।

कुछ यूं जो चला जो ये तारीखों का सिलसिला ।। 


#SNJ 

Sunday, July 18, 2021

बेगुनाह की सजा

 वो गीत मैंने कभी गाये ही नहीं 

जो चीख चीख कर भरी अदालत में सुनाये जा रहे थे


हर गीत पर भर-भरकर 

ठहाके लगाये जा रहे थे

हर इक मुकदमे में वो बस हमें 

उलझाए जा रहे थे


हर शब्द में संगीन इल्जामात  लगाये जा रहे थे

हर धुन में वो धड़कन मेरी बढ़ाए जा रहे थे 


मैं तो चुप था मगर 

जज साहब बेशुमार सजा सुनाये जा रहे थे


सनम के लिखे गीत थे 

"झूठ है" कहते हुए मेरे होंठ थरथराये जा रहे थे।।



@SNJ

Saturday, January 2, 2021

where is we are going in todays time . lakhs of men's committing suicide due to false cases. lakhs of family getting dividend by these biased law . those law which were meant for the women's safety , that's are being misused  .

 It is time and again seen that provisions which are made for the

protection of women to prevent them from destitution and vagrancies in the hand

of her husband or in-laws, are very much misused these days. Even Hon'ble Apex

court has taken such a view in recent judgments. It is not the case that women are

not subjected to cruelty or domestic violence but when more and more numbers of

frivolous complaints or petitions are received in the courts then a view develops

that the preventive measures passed by Legislation Acts are now a days being used

as weapons to pressurize and terrorize the in-laws. This is not the real motive

behind passing these Acts. If such kind of petitions are allowed in a routine

manner then the real purpose of law will be defeated. 

तारीखों का सिलसिला

कुछ यूं चला जो ये तारीखों का सिलसिला  क्या तुझे मिला और क्या तूने मुझे दिया ।। बिछड़ गई जिंदगी से जिंदगी और सांसों से सांस  कुछ यूं जो चला य...